तहलका
संपादक तरुण तेजपाल पर यदि आशाराम की तरह ही समाचार पत्र और चैनल मीडिया
ट्रायल करके उसे उसके अंजाम तक नही पहुँचाते है,तो इनका बहिष्कार करें.जब
समाचार पत्र की बिक्री और समाचार चैनलों की टी.आर.पी.घटेगी तब ये मजबूरी
में आगे आएंगे.
इसी प्रकार जो महिला संगठन और पार्टियाँ एक अनाम महिला के जासूसी के खिलाफ वक्तव्य और प्रदर्शन कर रहे थे,यदि वे तहलका संपादक की गिरफ्तारी के खिलाफ आगे नहीं आएँ,तो उन्हें वोट देना बंद करें,ताकि राज नीति में अच्छे लोग सामने आ सकें.
इसी प्रकार जो महिला संगठन और पार्टियाँ एक अनाम महिला के जासूसी के खिलाफ वक्तव्य और प्रदर्शन कर रहे थे,यदि वे तहलका संपादक की गिरफ्तारी के खिलाफ आगे नहीं आएँ,तो उन्हें वोट देना बंद करें,ताकि राज नीति में अच्छे लोग सामने आ सकें.