Wednesday, November 20, 2013

सबसे बड़े सच लिखे नहीं बोले गए हैं. जिन्होंने सच को जाना उन्होंने कहा है,और जो उन्होंने कहा है उसे उनके शिष्यों ने लिखा है जिसे हम ग्रन्थ के नाम से जानते हैं. इन ग्रन्थों को पढ़ने से ग्रंथियां[complex]नही होती है.न किसी प्रकार ही हीन ग्रन्थि[Inferiority complex]होती है,और न ही कोई उच्च ग्रन्थि[superiority complex]होतीहै.
इन ग्रन्थों को पढने में एक सावधानी रखने की जरुरत होती है.विदेशी आक्रमण कारियों ने गीता और गुरु ग्रन्थ साहिब को छोड़ कर अधिकांश धर्म ग्रन्थों में कुछ झूठी बातें लिखवा दी हैं.यदि आप अपने बुद्धि का उपयोग करते हुए इन ग्रन्थों को पढ़ते हैं तो इन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है.आपके बुद्धि के तेज आग में ये झूठी बातें गीली लकड़ी की तरह धुआँ देने लगती हैं,इन्हें छोड़ कर ज्ञान की सूखी लकड़ियों को पकड़ें और उसके आग से अपने आपको सुखी बनाएं.
यदि आप चाहें तो ग्रन्थों को पढने के लिए इस लिंक पर click कर सकते हैं. http://vedpuran.net

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