Sunday, October 18, 2015

सेक्युलर हिन्दू विरोधी होता है.

 एक धार्मिक आदमी हिंदू और मुसलमान में भेद नहीँ कर सकता,मगर एक धर्म से निरपेक्ष आदमी निश्चित ही किसी का विरोधी हो सकता है.बंगाल में नन के साथ बंगलादेशियो द्वारा बलात्कार पर हो हल्ला और कश्मीरी हिंदू ओरतों के बलात्कार पर सन्नाटा,ऐसा क्यों?मरनेवाला कभी हिंदू कभी मुसलमान होता है,फिर उनके परिवार को मिलनेवाली सरकारी नौकरी और सहायता में भेदभाव क्यों? जबकि हिंदू के मरने पर भी खून निकलता है,उसे 15 मिनट में खत्म करने की बात की जाती है ,क्या सेकुलर नेता और मीडिया ये बात समझेंगे?बंगलादेश,पाकिस्तान में ही नहीँ हिंदू बहुल हिंदुस्तान में हिंदू असुरक्षित हैं, लेकिन ये बात सेकुलर नेता और मीडिया नहीँ मानेगी.

Thursday, August 27, 2015

देश के भले के लिए जातिगत आरक्षण बंद करना जरुरी है.

जातिगत आरक्षण बंद करना इसलिए भी जरूरी है कि अम्बेडकर से ज्यादा डिग्री 20 वीं सदी में किसी के पास नहीँ थी,पिछड़ी जाति होने के बाद भी आरक्षण उन्होनें नही माँगा.जातिगत आरक्षण बंद करना इसलिए भी जरूरी है कि अपनी बुराइयों के बावजूद अकबर को महान इसलिए बोला गया कि वह प्रतिभाशाली नव रत्न लोगों के बल पर शासन चलाता था.
गुजरात और बिहार का राजनीति में विशेष स्थान है,जहाँ मोदी बिहार को गुजरात बनाने की कोशिस कर रहे है,वहीं हार्दिक पटेल गुजरात को बिहार बना रहे है और यह भी जातिवादी आरक्षण के कारण हो रहा है.लालू यादव अपना तबीयत खराब होने पर अपनी बेटी डॉक्टर मीसा भारती से इलाज नही करवाते हैं,इस प्रकार के आरक्षण को खत्म करने से ही देश आगे बढ़ेगा.
यूनान,मिश्र और रोम सिर्फ इसलिए डूबे कि वहाँ प्रतिभाशाली इन्सान की कोई कद्र नहीँ होती थी,यदि भारत में प्रतिभा की कद्र नही होगी तो ये भी डूबेगा.जातिगत आरक्षण बंद करना इसलिए भी जरूरी है कि प्रतिभाशाली आदमी भले ही वह कोई भी हो,यदि उसे हटाकर अयोग्य आदमी को नौकरी दी गई तो यह देश नष्ट हो जाएगा.
आरक्षण मानसरोवर झील है,जहाँ केवल हंस उड़ सकते हैं.प्रतिभा खुला असमान है,जहाँ केवल हंस ही नहीँ,गौरैया से लेकर गरुड़ तक सबको उड़ने की इजाजत है.

Wednesday, August 26, 2015

भारत-पाक वार्ता हमेशा निरर्थक होगी.

मोदी चाहकर भी काश्मीर  पाकिस्तान को  नहीँ दे सकते, पाकिस्तान काश्मीर को छोडकर बात नहीँ कर सकता, बेहतर होगा पाकिस्तान से बात करना रोक दिया  जाए.भारत सरकार पाकिस्तान  से भले  ही लाख  बार बात कर ले,पाकिस्तान हर बार हमेशा ही कुछ ऐसा करेगा कि बात करने का कोई मतलब नहीं रह पाएगा।    
महाराजा हरीसिंह ने आज़ादी के समय पूरे काश्मीर को पाकिस्तान के बदले भारत में मिलाया था,तब किस आधार पर पाकिस्तान काश्मीर पर अपना दावा करता है?
जिस प्रकार सरकारी स्कूलों के अधिकाँश शिक्षक पढ़ाने के सिवा सारे काम करते हैं,उसी प्रकार पाकिस्तान आतंकवाद के सिवा हर चीज़ पर बात करना चाहता है
 जब काश्मीर में रहनेवाले काश्मीरी पंडित काश्मीर में ही रह नहीं सकते,तब भला किस आधार पर काश्मीर को पाकिस्तान अपने देश में मिलाना चाहता है?काश्मीरी पंडितों को अलग कॉलोनी में बसाना ही ठीक होगा,पहले वे वहाँ से भगाए जा चुके हैं और आजकल पाकिस्तानी झंडे फहराने का विरोध नही होता है।
हुर्रियत नेता केजरीवाल से भी बड़े नौटंकीबाज़ हैं,वे काश्मीर  में पाकिस्तानी झंडा फहराने और पाकिस्तान द्वारा हड़पे गए काश्मीरी इलाके पर कुछ नहीं कहते।

Tuesday, August 25, 2015

केवल प्रतिभाशाली को आरक्षण मिलना चाहिए.

जिस देश में प्रतिभाशाली आदमी रोता हो या विदेश चला जाता हो,वह देश भारत जैसा फटेहाल हो जाता है,मगर यह बात जातिवादी नेता समझ ही नहीँ सकता है.यदि जन्म,जाति,प्रान्त,भाषा,लिंग,उम्र,गरीबी और विकलांग के बदले केवल प्रतिभाशाली को आरक्षण दिया जाय,भले ही वह कोई भी हो,तब देश स्वर्ग बन सकता है. 
जन्म या जाति पर आरक्षण मिलने से केवल इन जातियो के ताकतवर लोगों और मुलायम,लालू,मायावती,हार्दिक पटेल जैसे नेताओं को फायदा होता है,आम आदमी को नहीँ.शासन चलाना बैल गाड़ी चलाने जैसा सरल काम नहीँ है,शासन चलाना हवाई जहाज़ चलाने जैसा जटिल काम है,जिसे कोई प्रतिभाशाली ही चला सकता है.

Wednesday, June 24, 2015

पाकिस्तानी आतंकवाद और चीनी विस्तारवाद रोकना जरुरी है.

लखवी के मामले में चीन ने भले ही पाकिस्तान का साथ दिया हो,मगर उसने चीन में मुसलमानों के अधिकार छीन लिए हैं,और पाकिस्तान इस पर कुछ नहीँ बोल रहा.U.N.O.के चार स्थाई सदस्य अमेरिका,रूस,फ़्रांस और इंग्लैंड यदि जर्मनी और इजरायल के साथ भारत का साथ दें तभी चीन-पाकिस्तान समेत आतंकवाद खत्म होगा.यदि पाकिस्तानी आतंकवाद और चीनी विस्तारवाद को रोका न गया तब ये दोनों ताकतें पूरी दुनियाँ को नष्ट करते हुए अंत में स्वयं भी नष्ट हो जाएंगी.

Monday, June 1, 2015

मोदी शासक हैं और केजरीवाल नौटंकीबाज़ हैं.

प्रशासक (अफसर) हाथी के समान होता है,बहुत ज्यादा खाता,बहुत ज्यादा निकालता,बहुत धीमा चलता और काम करता है.शासक (नेता) महावत के समान होता है.यदि शासक (नेता) प्रशासक (अफसर)से डर जाय,उसकी चापलूसी करे,उससे कमीशन माँगने लगे या नौटंकी करने लगे तब वह कायदे से शासन नही कर सकता है.नरेंद्र मोदी ने पहले गुजरात और अब दिल्ली में प्रशासन के उपर पकड़ बनाकर अपने को शासक साबित किया जबकि नौटंकीबाज़ केजरीवाल शासक नहीँ बन पाए.

Thursday, April 2, 2015

गोरे आदमी आक्रामक होते हैं,भूरे और काले आदमी आक्रामक नहीं होते.

भले ही लोग मंत्री होने के नाते ‪#‎GirirajSingh‬ की आलोचना करें,मगर हकीकत ये है कि काले आदमी आक्रामक नहीं होते,सफेद चमड़ी वाले ही आक्रामक होते हैं और भूरी चमड़ेवाले मानसिक रूप से सफेद चमड़ी वालोँ के गुलाम होते हैं.अन्यथा सफेद चमड़ी वालों के कानून,उनकी भाषा,उनकी चिकत्सा पद्धति,उनका पहनावा,उनके खेल,उनका खान-पान,उनका कौमनवेल्थ,उनकी आर्थिक नीतियाँ क्यों अपनाते?
वे क्यों नहीं एक गोरी चमड़ी की औरत से शादी करने के बजाय काली चमड़ी की औरत से शादी करते?काली चमड़ी,सफेद चमड़ी और भूरी चमड़ी की यह व्याख्या भले ही शत-प्रतिशत सत्य न हो,मगर 90% सत्य जरुर है.