Wednesday, August 26, 2015

भारत-पाक वार्ता हमेशा निरर्थक होगी.

मोदी चाहकर भी काश्मीर  पाकिस्तान को  नहीँ दे सकते, पाकिस्तान काश्मीर को छोडकर बात नहीँ कर सकता, बेहतर होगा पाकिस्तान से बात करना रोक दिया  जाए.भारत सरकार पाकिस्तान  से भले  ही लाख  बार बात कर ले,पाकिस्तान हर बार हमेशा ही कुछ ऐसा करेगा कि बात करने का कोई मतलब नहीं रह पाएगा।    
महाराजा हरीसिंह ने आज़ादी के समय पूरे काश्मीर को पाकिस्तान के बदले भारत में मिलाया था,तब किस आधार पर पाकिस्तान काश्मीर पर अपना दावा करता है?
जिस प्रकार सरकारी स्कूलों के अधिकाँश शिक्षक पढ़ाने के सिवा सारे काम करते हैं,उसी प्रकार पाकिस्तान आतंकवाद के सिवा हर चीज़ पर बात करना चाहता है
 जब काश्मीर में रहनेवाले काश्मीरी पंडित काश्मीर में ही रह नहीं सकते,तब भला किस आधार पर काश्मीर को पाकिस्तान अपने देश में मिलाना चाहता है?काश्मीरी पंडितों को अलग कॉलोनी में बसाना ही ठीक होगा,पहले वे वहाँ से भगाए जा चुके हैं और आजकल पाकिस्तानी झंडे फहराने का विरोध नही होता है।
हुर्रियत नेता केजरीवाल से भी बड़े नौटंकीबाज़ हैं,वे काश्मीर  में पाकिस्तानी झंडा फहराने और पाकिस्तान द्वारा हड़पे गए काश्मीरी इलाके पर कुछ नहीं कहते।

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