Thursday, November 7, 2013

श्री नरेन्द्र मोदी का रिमोट कई आदमियों के हाथ में है,ऐसा एक सज्जन का मानना है. उनके अनुसार परिवार के हेड आदमी के पास ही टेलीवीजन का रिमोट होता है. उनके अनुसार पहला रिमोट स्वामी रामदेव के हाथों में है,क्योंकि वे साधु-संतों,सन्यासियों, महात्माओं के हेड हैं, और वे श्री नरेन्द्र मोदी को समर्थन दे रहे हैं.
उनके अनुसार दूसरा रिमोट कण्ट्रोल कॉरपोरेट घरानों के पास है,क्यों कि वे श्री नरेन्द्र मोदी की सभाओं और रैलिओं के लिए पैसा लगा रहे हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि अगले चुनाव में जब मोदी चुनाव जीत जायेंगे,तब उन्हें अमेरिका आने का वीसा देकर अमेरिका कहेगा की अमेरिका दुनियाँ का हेड है,इसलिए मोदी का रिमोट उसके हाथ में होना चाहिए.
यहाँ उन सज्जन से विनम्रता पूर्वक सिर्फ इतना ही कहना है कि वो श्री मोदी को समझ ही नहीं पाए.श्री मोदी अपनी रणनीति बना कर अच्छी तरह लड़ने वाले योद्धा हैं.वे पार्टी के अन्दर ही नहीं पार्टी के बाहर भी अच्छी तरह लड़ते है.
अभी हाल में ही श्री राहुल गाँधी को मोदी ने शाहज़ादे कहा,इस पर तिलमिला कर कांग्रेस ने उनको सोंच समझ कर बोलने की चेतावनी दी, मगर इस पर शांत होने की बजाय मोदी ने पटना की हूंकार रैली में यह कह कर जवाब दिया कि कांग्रेस वंश वाद छोड़ दे तो मै शाहज़ादे कहना छोड़ दूंगा.मन मोहन सिंह ने सरदार वल्लभ भाई पटेल को नेहरु जी के अनुसार धर्म निरपेक्ष कहा,इस पर नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश को बांटने वाली वोट बैंक की धर्म निरपेक्षता के बदले पटेल वाली धर्म निरपेक्षता चाहिए जो देश को एक करते हुए सोमनाथ का मंदिर बनाने का विरोध नहीं करती है. एक लड़ाकू योद्धा अपना रिमोट किसी दुसरे के हाथों में सौपेंगा इसमे संदेह है.आखिर श्री मन मोहन सिंह और श्री नरेन्द्र मोदी में कुछ तो अंतर है ही.

Wednesday, November 6, 2013

कुशल मंगल  रखते हुए मंगल कामना है कि मंगल वार को हुई मंगल यान की मंगल यात्रा मंगल मय हो.

पाकिस्तान के लिए  जीवित नरेंद्र मोदी से ज्यादा  खतरनाक  शहीद नरेन्द्र मोदी साबित होंगे.कोई व्यक्ति जिन्दा रहते हुए  उतना खतरनाक नहीं होता जितना उसकी हत्या हो जाने के बाद हो जाता है. सुकरात  को जहर  दिया गया,जिसका नतीजा ये हुआ कि आज संसार  के सभी  विश्व विद्धयालयों में उनके ऊपर पढाई होती है.जीसस  क्राइस्ट को यहूदियों ने  सलीब पर लटका दिया,जिसका नतीजा ये हुआ की पूरी दूनियाँ की आबादी का 1% आबादी भी यहूदियों को नसीब नहीं है और जीसस को मानने वाले संसार का सबसे बड़ा धर्म समुदाय हैं
महात्मा गाँधी की बातें आजादी के बाद नेहरु  जी तक ने नहीं मानी,अन्यथा पाकिस्तान को 55 करोड़ रुपये दिलाने के लिए गाँधी जी को आमरण अनशन करने की धमकी नहीं देनी पड़ती.गाँधी जी की हत्या हो गई और गांधीजी की बातें न मानने वाले नेहरु जी को उन्हें राष्ट्रपिता बनाना पड़ गया.1984 ईस्वी में कांग्रेस की हालत बहुत अच्छी नहीं थी,मगर श्रीमती इंदिरा गाँधी की हत्या हो गई,जिसका नतीजा ये हुआ की आज़ादी के बाद हुए सारे चुनावों में सबसे बड़ा  बहुमत  कांग्रेस को मिला. हालत यहाँ  तक हो गई की  भा.ज.पा.जैसी राष्ट्रीय पार्टी को केवल 2 सीटों पर संतोष  करना पड़ा.1991 ईस्वी  के लोक सभा चुनावों के आखिरी चरण  में श्री राजीव गाँधी  की हत्या हो गई,आखिरी चरण के चुनावों में कांग्रेस को जितनी सीटें मिली,उससे कम सीटें ही पहले के चुनावों में मिली थीं.                                          श्री नरेन्द्र मोदी जाने-अन्जानेमें पाकिस्तान के लिए कड़वा  करैला बन चुकें हैं,ऐसे में  उनकी हत्या हो  जाने के बाद  उनका कड़वा करैला सहानुभूति के नीम पर चढ़ जाएगा और यदि  ऐसा हो गया तो यह सचमुच पाकिस्तान के लिए बहुत बुरा होगा.

Tuesday, November 5, 2013

पाकिस्तान की आइ. एस. आइ. और इंडियन मुजाहिद्दीन आइ. बी. की रिपोर्ट के अनुसार श्री नरेन्द्र मोदी की हत्या करना   चाहते हैं .सवाल यह उठता है की मुख्यमंत्री  नरेंद्र मोदी ही  क्यों? और   भी मुख्यमंत्री हैं भारत में जैसे महारास्ट्र के श्री अशोक चौहान,उत्तर प्रदेश के श्री अखिलेश यादव,बिहार के श्री नीतीश कुमार,जम्मू और काश्मीर के श्री उमर अब्दुल्ला इत्यादि.और तो और प्रधानमंत्री श्री मन मोहन सिंह को भी वे नही मारना चाहते हैं .मगर इन सभी को छोड़ कर वे श्री नरेन्द्र मोदी को ही क्यों मारना चाहते  हैं?कहीं ऐसा तो नहीं की ये सभी लोग पाकिस्तान के स्वार्थ पूर्ति में रुकावट नही हैं और श्री नरेन्द्र मोदी रुकावट बन रहें हों?यदि ऐसा वास्तव में सच है और पाकिस्तान ऐसी गल्ती करने जा रहा है तो पाकिस्तान को वैसा ही पछतावा होगा जैसा पाकिस्तान बनवाने के बाद अपने आख़िरी दिनों में मोहम्मद अली ज़िन्ना को और दूसरे विश्वयुद्ध में अमेरिका के पर्ल हार्बर सैनिक अड्डे पर आक्रमण करने के बाद जापान को हुआ था.

Monday, November 4, 2013


ओपिनियन पोल पर रोक लगाने की माँग करने वाले केवल अपराधी ही नहीं हैं बल्कि वे प्रजा तंत्र  की मूल जड़ों पर  प्रहार करने वाले भी  हैं.चार्वाकों ने वेदों का विरोध किया,बुद्ध ने संसार को बनाने  वाले ईश्वर  को ही मानने से इन्कार कर दिया,तो हिन्दुओं ने इन सभी को मार तो नहीं दिया,बल्कि उन्हें बोलने की पूरी आज़ादी दी.यदि कोई समाचार पत्र या चैनल ओपिनियन पोल करवा कर ये कहे कि  शरद पवार की  राष्ट्रवादी  कांग्रेस पार्टी  या फारूख अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस  केवल अपने  बलबूते पर  आगामी  लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीत कर सरकार  बनाएगी तो  आम  जनता उसे मानने से इन्कार  कर देगी.जनता  इन समाचार पत्रों और चैनलों से दूर हो जाएगी और उनका भट्ठा बैठा  देगी,जिस प्रकार  केबल चैनल देखने वालों में “दूरदर्शन”का बैठा हुआ है.”दूरदर्शन”का दर्शन वे “दूर से दर्शन”ही करते हैं.
                  संसार के अधिकांश प्रजातांत्रिक देशों में इस प्रकार के ओपिनियन पोल  होते हैं तो  इसमे कौन  सी बुराई  आ गई की भारत में ओपिनियन पोल रोक दिए जाएँ.रही  बात की  ये पोल  कोई भी पैसे देकर करवा सकता है,ऐसा कहने वाले भी गलत हैं.ये समाचार पत्र और चैनल तो पैसा लेकर भी ये नहीं बताते कि गोधरा  में  साबरमती  एक्सप्रेस  में कार सेवकों को आग से जला कर मारने वाले किस धर्म और किस पार्टी के थे.वे पैसा लेकर  ये भी नहीं बताएगें कि मुज़फ्फर नगर में जिस लड़की के साथ बदतमीज़ी हुई वह किस धर्म की थी और बदतमीज़ी  करने वाले  किस धर्म और पार्टी के थे.
           ओपिनियन पोल पर रोक लगाने की माँग करने के बजाय यदि वे लोग महंगाई,भेद भाव,भ्रष्टाचार,आतंकवाद पर रोक लगाने का काम करते तो यह प्रजातंत्र के लिए ज्यादा बेहतर होता.

Sunday, November 3, 2013


पुष्पक विमान की यात्रा
इन पँक्तियों को केवल मजाक की तरह लें.इनका धार्मिक भावनासे कोई लेना देना नहीं है.दशहराके दिन लंका को जीत कर भगवान राम पुष्पक विमान से 20दिनों की यात्रा करते हुए दीपावली के दिन अयोध्या पहुँचे.लंका से अयोध्या की दूरी 3000 किलोमीटर है.इसका मतलब एक दिन में पुष्पक विमान केवल 150  किलोमीटर  ही जा  सकता था.क्या  आधुनिक  समय में उस पुष्पक विमान से आप यात्रा करना चाहेंगे ?