Friday, January 10, 2014

अमर सिंह ने अमिताभ बच्चन को नहीं पहचाना.

श्री अमिताभ बच्चन को पहचानने में श्री अमर सिंह जैसे पढेलिखे,अनुभवी, और धनी नेता को गलत फहमी हो जाना आश्चर्य लगता है.अमर सिंह ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान राज ठाकरे के साथ एक ही मंच पर खड़े होने पर अमिताभ बच्चन को आड़े हाथों लिया.अमर सिंह ने पुरानी बातें याद दिलाते हुए कहा कि अमिताभ ने एक समय बाल ठाकरे के प्रति सम्मान जताते हुए कहा था की वे मेरे पिता समान हैं और जब बाल ठाकरे नहीं रहे तो अमिताभ राज ठाकरे के साथ हो गए.
अमिताभ बच्चन की निष्ठा पर सवाल उठाते हुए अमर सिंह ने कहा कि ”अमिताभ गुजरात में नरेंद्र मोदी के साथ हैं,यू.पी.में मुलायम सिंह के साथ हैं.पता ही नहीं चलता कि वे कब किसके साथ हो जाएंगे.”
सीधी सी बात है जो सबके साथ होता है,असल में वो किसी के भी साथ नहीं होता है,वो सिर्फ अपने साथ होता है.

Tuesday, January 7, 2014

देश की राजनीति बदलने के बजाय देश का भूगोल बदलने की बात करना गलत है.

देश की राजनीति बदलने की बात करने वाले देश का नक्शा बदलने की और भ्रष्टाचार मुक्त भारत की बात करते करते काश्मीर मुक्त भारत की बात करने लगे हैं.”आप”पार्टी को लगता है कि वो यदि काश्मीर पाकिस्तान को,असम बांग्लादेश को और लद्दाख,सिक्किम और अरुणांचल प्रदेश चीन को देने की बात करके दिल्ली वालों को मुफ्त पानी बिजली देने की बात करे तो उनकी बात का कोई बुरा नहीं मानेगा.काश्मीर पर जनमत संग्रह की बात करने वाले राम मंदिर पर जनमत संग्रह की बात क्यों नही करते?पाकिस्तान के प्रति इतनी उदारता क्यों?कहीं ऐसा तो नहीं कि उन्हें फंड अमेरिका के साथ साथ पाकिस्तान से भी मिला है?”जैसा अन्न वैसा मन” वाली बात तो पूरी तरह इन पर लागु हो रही है,पाकिस्तान का खाएँगे तो पाकिस्तान का ही गायेंगे.
जिस जगह नीच से नीच आदमी के गिरने की संभावना खत्म हो जाती है,उस जगह से “आप”वाले गिरना शुरु करते हैं.ये अमेरिका से चंदा लेंगे,चलेंगे जापान की कार में,हुक्म इटली वालों का मानेंगे,खाएँगे भारत का और बातें पाकिस्तान की करेंगे.कुमार विश्वास अपनी कविताओं के लिए मुसलमानों से माफ़ी मांगते हैं और हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाते हैं.”आप”का नाम “आम आदमी पार्टी” से बदलकर “अल्लाहू अकबर पार्टी” कर देना चाहिए.
दिसम्बर में 5 सरकारे बनी,4 गम्भीरता पूर्वक कम कर रही हैं,नौटंकी सिर्फ दिल्ली में हो रही है.नौटंकी कितनी भी अच्छी हो ज्यादा दिन भीड़ नही खींच सकती.राखी बिड़ला के पिता का नाम भूपेन्द्र कुमार बिड़लान है,बिड़लान की बेटी यदि बिड़ला होती है तो सिर्फ इसलिए की बिड़ला देश के सबसे मशहूर घरानों में से एक है,ये भी अच्छी नौटंकी है.राखी बिड़ला भविष्य की मायावती बन सकती हैं,अंतर सिर्फ इतना होगा की मायावती के पास “कांशीराम”थे और इनके पास “खांसीराम” हैं.