Sunday, January 12, 2014

प्रशांत भूषण जैसे बुद्धिजीवी पाकिस्तान के बदले भारत में ही क्यों होते हैं?

प्रशांत भूषण जैसे बुद्धिजीवी क्या पाकिस्तान में भी पाए जाते हैं जो ये कह सकें कि”आजाद काश्मीर” भारत को सौंप दिया जाय?पाकिस्तान से “चंदा” खाने वाला आदमी ही केवल काश्मीर में जनमत संग्रह करवा कर काश्मीर को भारत से अलग करवाने की बात कर सकता है.वो सारे भारत में काश्मीर को अलग किया जाय या नहीं इस पर जनमत संग्रह की बात क्यों नहीं करता?केवल काश्मीर घाटी की जनता की भावना कद्र होनी चाहिए या सम्पूर्ण भारत के जनता की?
काश्मीर से सैकड़ों शहीदों की लाशों पर कुछ न बोलने वाला भूषण चाहता है कि भारतीय सेना काश्मीर से हटे और पाकिस्तानी सेना काश्मीर पर कब्जा कर ले.प्रशांत भूषण यदि प्रधान मंत्री बन जाय किसी कारण से तो हफीज सईद से ज्यादा खुश कौन होगा?
“आम आदमी पार्टी” जनमत संग्रह करवाने पर भरोसा करती है.यदि वे नौटंकी नहीं करते हैं तो इन चार बातों पर सम्पूर्ण भारत में जनमत संग्रह करवा कर देख लें.[1]काश्मीर भारत में रहे या पाकिस्तान में?[2]प्रशांत भूषण भारत में रहे या पाकिस्तान में?[3]प्रशांत भूषण मुक्त भारत होना चाहिए या नही?[4]प्रशांत भूषण को प्रशांत महासागर में डुबाया जाय या नहीं जहाँ वो ओसामा बिन लादेन की रूह से बातें कर सके.