पाकिस्तान के लिए
जीवित नरेंद्र मोदी से ज्यादा
खतरनाक शहीद नरेन्द्र मोदी साबित
होंगे.कोई व्यक्ति जिन्दा रहते हुए उतना
खतरनाक नहीं होता जितना उसकी हत्या हो जाने के बाद हो जाता है. सुकरात को जहर
दिया गया,जिसका नतीजा ये हुआ कि आज संसार
के सभी विश्व विद्धयालयों में उनके
ऊपर पढाई होती है.जीसस क्राइस्ट को
यहूदियों ने सलीब पर लटका दिया,जिसका
नतीजा ये हुआ की पूरी दूनियाँ की आबादी का 1% आबादी भी यहूदियों को नसीब नहीं है
और जीसस को मानने वाले संसार का सबसे बड़ा धर्म समुदाय हैं
महात्मा गाँधी की बातें आजादी के बाद नेहरु जी तक ने नहीं मानी,अन्यथा पाकिस्तान को 55
करोड़ रुपये दिलाने के लिए गाँधी जी को आमरण अनशन करने की धमकी नहीं देनी
पड़ती.गाँधी जी की हत्या हो गई और गांधीजी की बातें न मानने वाले नेहरु जी को
उन्हें राष्ट्रपिता बनाना पड़ गया.1984 ईस्वी में कांग्रेस की हालत बहुत अच्छी नहीं
थी,मगर श्रीमती इंदिरा गाँधी की हत्या हो गई,जिसका नतीजा ये हुआ की आज़ादी के बाद
हुए सारे चुनावों में सबसे बड़ा बहुमत कांग्रेस को मिला. हालत यहाँ तक हो गई की
भा.ज.पा.जैसी राष्ट्रीय पार्टी को केवल 2 सीटों पर संतोष करना पड़ा.1991 ईस्वी के लोक सभा चुनावों के आखिरी चरण में श्री राजीव गाँधी की हत्या हो गई,आखिरी चरण के चुनावों में
कांग्रेस को जितनी सीटें मिली,उससे कम सीटें ही पहले के चुनावों में मिली
थीं.
श्री नरेन्द्र मोदी जाने-अन्जानेमें पाकिस्तान के लिए कड़वा
करैला बन चुकें हैं,ऐसे में उनकी
हत्या हो जाने के बाद उनका कड़वा करैला सहानुभूति के नीम पर चढ़ जाएगा
और यदि ऐसा हो गया तो यह सचमुच पाकिस्तान
के लिए बहुत बुरा होगा.
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