Wednesday, November 20, 2013

श्री नारायण साईं को खोजना बहुत आसान है.इसे तीन घटनाओं से जोड़ कर समझें.पहली घटना में एक सर्कस के शो में पिंजरे से शेर बाहर निकल आया ये देख कर दर्शकों में भगदड़ मच गई.एक संत भी शो देख रहे थे,वे जाकर सीधे शेर के पिंजरे में घुस गए.लोगों ने उनसे कहा आप ये क्या कर रहे हो?इस पर संत ने कहा मै सबसे ज्यादा सुरक्षित पिंजरे में ही हूँ,शेर चाहे जहाँ जाए पिंजरे में कभी नही आयेगा.
दूसरी घटना में ओसामा बिन लादेन को अमेरिका ने वर्षों तक पूरी दुनियाँ में खोजा,वह कहीं नहीं मिला,मिला भी तो ऐबटाबाद[पाकिस्तान]की सेना की छावनी के बगल में.
तीसरी घटना इसी साल पूजा की तीन दिन की छुट्टियों के दौरान राँची में घटी,जहाँ एक सोने-चाँदी के दुकान में झारखण्ड और बिहार में हुई अब तक की सबसे बड़ी चोरी हुई.चोरों ने माल के साथ-साथ सी.सी.टी.वी. कैमरे को भी चुरा लिया और कोई भी सुराग नहीं छोड़ा.वो तो भला हो उस आदमी का जिसने राँची के एस.एस.पी.को फ़ोन से इस बात की सूचना दी कि सारा सोना-चाँदी दुकान के पानी की टंकी में रखा हुआ है,और सारा माल वहीं मिला.
मेरा तो यही मानना है की श्री नारायण साईं देश के किसी थाने के बगल में छिपे होंगे,मगर एक दुसरे जानकार के अनुसार वो अपने चरित्र के अनुसार थाईलैंड में होंगे.इन्ही दो जगहों पर खोजनें से सफलता जरुर मिलेगी.

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