Friday, December 27, 2013

अमिताभ बच्चन ने अपने प्रशंसकों को निराश किया है.

अमिताभ बच्चन ने राज ठाकरे जैसे अपराधी और मूर्ख के साथ बैठ कर अपने चाहने वालों को निराश किया है.नेता और अपराधी में एक फर्क होता है,नेता सिस्टम के साथ चलता है और अपराधी सिस्टम तोड़ कर चलता है.भारत का सिस्टम कहता है कि कोई भी भारतवासी देश के किसी भी हिस्से में किसी के भी साथ कितने भी वक्त तक रह सकता और नौकरी या बिज़नेस कर सकता है.
राज ठाकरे ने उत्तर भारतीयों को मारपीट कर भगाने का काम किया,जो कोई अपराधी ही कर सकता है,कोई नेता नही ऐसा नही कर सकता.राज ठाकरे एक तरफ उत्तर भारतीयों को मारपीट कर भगाता और दूसरी तरफ वह उत्तर भारतीय अमिताभ बच्चन के पैर छूता है,पता नही ऐसा करके वो क्या दिखाना चाहता है?
जिस जगह पर कोई जाना नहीं चाहता उस जगह की पर किसी प्रकार की तरक्की नहीं होती जैसे सोमालिया,बांग्लादेश,नेपाल,पूर्वी उत्तर प्रदेश भारत के नक्सलवादी क्षेत्र ईत्यादि.जिस जगह पर तमाम लोग जातें हैं वहाँ बेजोड़ तरक्की होती है,जैसे लन्दन,न्यू यॉर्क,पेरिस,बीजिंग,हांगकांग,सिंगापूर,दुबई, सुरत,बंगलौर,दिल्ली,मुंबई इत्यादि.यहाँ आने वाला व्यक्ति पूँजी,ज्ञान,कला,श्रम लेकर आता है.हर आने वाला नया व्यक्ति उस जगह कम से कम 5 आदमियों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार देता है,वह किसी के होटल में खाना खाता,कहीं कपड़े खरीदता,सिलवाता,और धुलवाता है,कहीं राशन खरीदता,किसी की टैक्सी में बैठता,किसी के सिनेमा हॉल में सिनेमा देखता है तो वहाँ चतुर्दिक विकाश होता है.और जिस जगह से लोगों का पलायन होता है,वहाँ से जाने वाला हर व्यक्ति कम से कम 5 व्यक्तियों की आमदनी कम करके चला जाता है,जिससे वह क्षेत्र और पिछड़ा हो जाता है.
समझदार नेता लोगों को अपने यहाँ आने का न्योता देता है ताकि उसके यहाँ तरक्की हो,मगर राज ठाकरे जैसा अपराधी और मूर्ख लोगों को भगाने में रूचि रखता है,और उसके जैसे अपराधी को वहाँ की सरकार गिरफ्तार न करके एक प्रकार से उसका साथ दे रही है,तथा अमिताभ बच्चन उसके साथ मंच पर बैठते हैं.लगता है अमिताभ बच्चन के अंदर का बुद्धिजीवी और एंग्री यंगमैंन मर चुका है.

No comments:

Post a Comment