Sunday, December 22, 2013

नाटक करना कोई केजरीवाल और जौर्ज बर्नाड शॉ से सीखे.

नाटक करना कोई श्री अरविन्द केजरीवाल और जॉर्ज बर्नार्ड शॉ से सीखे. बर्नार्ड शॉ को जब नोबेल प्राइज मिला,तो उन्होंने नोबेल प्राइज लेने से इन्कार कर दिया.स्वाभाविक था की हंगामा मचे,और मचा भी.बाद में लोगों के अनुरोध पर उन्होंने नोबेल ले लिया और उससे प्राप्त सारी रकम को “फेबियन सोसाइटी” को दान कर दिया.इसके बाद फिर हंगामा मचा,लोगों ने उनके दान की खूब चर्चा हुई.यह तो बाद में पता चला कि “फेबियन सोसाइटी” का मुख्य कर्ता-धर्ता बर्नार्ड शॉ खुद था.भला यह भी कोई बात हुई कि नोबेल प्राइज मिले और प्रचार भी न हो.
इसी प्रकार श्री अरविन्द केजरीवाल नाटक कर रहे हैं.जिससे उन्हें भरपूर प्रचार भी मिल रहा है.प्रचार की रही-सही कसर पूरा करने के लिए वे इनदिनों सोशल मीडिया पर भरपूर विज्ञापन भी दे रहे हैं.मुख्य-मंत्री की कुर्सी के पीछे कांग्रेस ‘सेंटर फ्रेश’ का चश्मा श्री केजरीवाल को दिखा रही है,जिसे देख कर केजरीवाल की जीभ लपलपा रही है.रही बात जनता के राय की,तो श्री केजरीवाल अच्छी तरह जानते हैं की आम जनता जल्दी-जल्दी चुनाव नही चाहती है,तो उसका निर्णय केजरीवाल को मुख्य-मंत्री बनाने का ही होगा.तब तक इनका प्रचार होता रहेगा.

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