Monday, December 23, 2013

केजरीवाल की राजनीति वैश्यावृति से भी गई गुजरी है.

वैश्यावृति संसार का सबसे पुराना धंधा है,राजनीति उसके बाद दूसरा सबसे पुराना धंधा है.श्री अरविन्द केजरीवाल के कहने और करने में इतना अंतर है कि पता ही नही चलता की राजनीति कब वैश्यावृति में और वैश्यावृति कब राजनीति में बदल जाती है.
बीजेपी और कांग्रेस दोनों को गालियाँ देने वाले केजरीवाल अब कांग्रेस की मदद से सरकार बनाने की तैयारी कर रहे हैं.सबसे ज्यादा अखरने वाली बात केजरीवाल के ट्विटर एकाउंट को देखने पर मिलती है.इसमें उनके 8,93,965 फोलोवर हैं तथा उन्होंने 72 लोगों को फॉलो किया है, जिनमे कांग्रेसी नेता शशि थरूर और दिग्विजय सिंह ही नही बीजेपी नेता विजय गोयल और सुब्रमनियन स्वामी भी शामिल हैं.और तो और आर एस एस के राम माधव ही नही बीजेपी के ऑफिसियल एकाउंट को भी वे फ़ॉलो करते हैं.
किसी को भी फ़ॉलो करना बुरी बात नही है.कोई अमिताभ को ,कोई सचिन को,कोई मोदी को तो कोई सनी लीओन को फ़ॉलो करता है,मगर कोई भी अपने द्वारा फ़ॉलो किये गए व्यक्ति को गालियाँ नही देता,जैसा की श्री अरविन्द केजरीवाल करते हैं.
बीजेपी अध्यक्ष श्री राजनाथ सिंह के 1,37,103 फोलोवर हैं,और सिर्फ 1 को फॉलो करते हैं,बीजेपी को जिसके वे स्वयं अध्यक्ष भी हैं,तो इसमें कोई बुराई नही है.श्रीमती वसुंधराराजे सिंधिया किसी को भी फॉलो नही करती और उनके 42,732 फोलोवर हैं.श्री नरेन्द्र मोदी के 30,27,753 फोलोवर हैं,और वे 886 लोगों को फ़ॉलो करते हैं.ये तीनो नेता अपने अपने स्थान पर सफल भी हैं,और केजरीवाल की तरह पाखंडी भी नही हैं.
राजनीति विज्ञान की पढाई भले ही कला [Arts] में जाती हो मगर है वह विज्ञान [science] ही.केजरीवाल जैसे कलाकार कलाबाजियाँ खाते हुए जब राजनीति में आते हैं,तो राजनीति सुहागिन या विधवा नही होती वैश्या हो जाती है.

1 comment:

  1. आपने पूरे प्रकरण को सार रूप में प्रस्तुत कर दिया है.

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